मुक्ति कहां
'मुक्ति कहां'
विचार ही जब शुद्ध नहीं
तो आत्मा की मुक्ति कहां...?
ह्रदय जब पावन ही नहीं
तो परमात्मा की प्राप्ति कहां...?
जीवन ही बन जाए उलझन
तो जीने का उल्लास कहां...?
दिखावे के इस दौर में
भक्ति का सही अर्थ कहां...?
तर्क और वितर्क में
ईश्वर में आस्था कहां...?
कलयुग के इस दौर में
अनमोल विचारों का मोल कहां...?
अच्छे संस्कारों के अभाव में
कुसंगति से अलगाव कहां...?
लालच से जब घिरे हों हम
तो जीवन मरण से मुक्ति कहां....?
कविता गौतम...✍️
#हिंदी दिवस प्रतियोगिता।
Shashank मणि Yadava 'सनम'
25-Sep-2022 07:10 PM
बहुत ही सुंदर रचना और भावनात्मक अभिव्यक्ति
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Kavita Gautam
21-Sep-2022 01:35 PM
सुंदर समीक्षाओं हेतु आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🙏
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आँचल सोनी 'हिया'
19-Sep-2022 07:06 PM
Achha likha hai 💐
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